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रविवार, 13 सितंबर 2020

बीएसएफ को देखते ही गोली मारने के आदेश से पाकिस्तान आतंकी परेशान, ड्रग्स तस्करी से कमाई बंद

(डीडी वैष्णव) कुछ समय पहले देशभर की सीमाओं पर बीएसएफ को आतंकियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं। इससे पाकिस्तानी आतंकी संगठन परेशान हैं, क्योंकि उनकी नकली नोट और ड्रग्स तस्करी से कमाई बंद हो गई है। इसके लिए अब आतंकियों ने सिंध मॉड्यूल को छोड़ मुल्तान मॉड्यूल अपना लिया है।

सिंध मॉड्यूल में तस्करी मुख्य रूप से पंजाब सेक्टर से होती थी। अब मुल्तान मॉड्यूल में गुजरात और राजस्थान बॉर्डर टारगेट पर हैं। यही कारण है कि पिछले एक माह में ही गुजरात-राजस्थान से लगी सीमा पर बीएसएफ ने इन ग्रुपों के दो बड़े प्रयास फेल कर दिए।

तीन दिन पहले 9 सितंबर को घुसपैठ हुई तो दो आतंकियों को बीएसएफ ने गोली से उड़ा दिया और 8 किलो हेरोइन जब्त की। इससे पहले, 9 अगस्त को एक घुसपैठिए को मार गिराया था, जबकि 10 से 11 भाग गए थे। इससे भी 2.7 किलो हेरोइन मिली थी। बीएसएफ के अनुसार, आतंकियों की कमाई के लिए आईएसआई, आतंकी ग्रुप और सीमा पर बसे गांव के तस्कर मिलकर काम करते हैं और नकली नोट और ड्रग्स भेजते हैं।

सरहद के दोनों ओर फैला तस्करी का सिंध मॉड्यूल टूटा, दो दशक से फैला था नेटवर्क

पाक के सिंध से करीब दो दशक से रोशन खान का तस्करी नेटवर्क सरहद के दोनों ओर फैला हुआ हैं। इनकी खेप खांडू खां के खेत में फेंकी जा चुकी है। 8 अगस्त को कच्छ और बाड़मेर के बीच बॉर्डर पर एक साथ 10-12 लोगों ने घुसने का प्रयास किया।

एक मारा गया, बाकी भाग गए। इसके बाद एटीएस और राजस्थान पुलिस ने पहले खांडू खां और बाद उसके बेटे मुश्ताक को दबोचकर सिंध मॉड्यूल बिगाड़ दिया। इस मॉड्यूल के संपर्क में रहने वाले दो तस्कर गंगानगर में पकड़े जा चुके हैं। साथ ही बॉर्डर के पास आने वालों को सीधी गोली मारने के आदेश हो गए। इससे सिंध मॉड्यूल टूट गया।

1 किलो के पैकेट में डेढ़ किलो हेरोइन, नकली होने का शक

बीएसएफ में गुजरात सीमांत के प्रवक्ता डीआईजी एमएल गर्ग का कहना है कि जब्त हेरोइन की क्वालिटी पर संदेह हैं। पश्चिमी बॉर्डर पर बीते एक माह में 33 किलो और पंजाब फ्रंटियर ने 2020 के में 377 किलो हेरोइन जब्त की है।

इंटरनेशनल ड्रग्स मार्केट में हेरोइन का एक पैकेट 1 किलो का ही आता है। उस पर बनाने वालों का मार्का भी होता है। लेकिन इन पैकेटों में डेढ़ से दो किलो हेरोइन है और कोई मार्का भी नहीं है। पाकिस्तान में इसे 4-5 लाख रुपए प्रति किलो की दर से खरीदकर भेजा जा रहा है, जबकि असली हेरोइन की कीमत 5 करोड़ रुपए किलो तक होती है।



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ड्रग्स की तस्करी इस तरह के कैप्सूल के जरिए की जाती है।


from Dainik Bhaskar /national/news/pakistani-terror-harassed-by-order-to-shoot-bsf-earnings-from-drug-smuggling-stopped-127714748.html
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